Showing posts with label शववस्त्र. Show all posts
Showing posts with label शववस्त्र. Show all posts

Thursday, October 5, 2023

एक धाँसू 'स्टार्टअप' अगर ...

छपा होता जो नाम शववस्त्र पर,

नाम मतलब ? .. पूरा नाम ..

यानी .. साथ नाम के होता छपा जो

जातिसूचक उपनाम भी 'प्रॉपर'।

पूरा नाम तो होता ही और साथ में 

छपता जो सेवानिवृत्त पद भी सरकारी अगर,

तो होता इसका भी व्यापक असर।

साथ छपते जो छोड़ी विरासत के आँकड़े 

तो हो जाता यूँ कुछ और भी बेहतर।

नहीं जो पूरा पता अपने भव्य भवन का,

तो कम-से-कम होता मकान का 'नम्बर'

और होता छपा खड़ी 'पोर्टिको' में 

महँगी गाड़ी का भी 'नम्बर' .. बस यूँ ही ...


रंगीनियों में जो बीती है 

जीवन-यात्रा समस्त जीवन भर,

भला फिर क्यों ओढ़ना मर कर

अपनी अंतिम यात्रा में भी

भगवा या केवल सफ़ेद वस्त्र ?

'ब्रांडेड' भी जो होते शववस्त्र सारे

जैसे .. 'रेमण्डस्' या फिर 'मान्यवर'।

विकल्प भी होते कपड़ों के ढेर सारे,

सूती, रेशमी, 'जॉर्जेट' या 'पॉलिस्टर'

और होता 'प्रिंटेड' भी तो ..

एकदम से झकास 'डिज़ाइनर',

'चेक्स' .. 'स्ट्राइप्स' या फिर होता

छींटदार या फूलदार .. चकरपकर .. बस यूँ ही ...


होते क्रय-विक्रय भी वातानुकूलित 'शोरूमों' में 

या फिर बहुमंजिली 'मॉल' के किसी तल्ले पर

और क्या कहने जो धीमी-धीमी बजती भी 

कोई शोकधुन, ग़ज़ल या "निर्गुण" वहाँ अगर।

साहिबान !!! ... सोचता हूँ मन में अक़्सर ..

कि कितना ही बढ़िया होता जो ..

शुरू कर ही देते हम मुहूर्त निकलवा कर

ऐसे मनभावन शववस्त्रों के

एक धाँसू 'स्टार्टअप' अगर ?

काश ! .. मिल जो जाते शुरूआती तौर पर .. 

आप सभी से 'एडवांस' में  

शुभ-शुभ बोहनी के नाम पर

कुछ भी .. दो-चार 'ऑर्डर' .. बस यूँ ही ...

[शववस्त्र - कफ़न (अरबी)]