काश !!! ... किसी ..
शैक्षणिक कार्यशाला के तहत
बुलायी जाती एक बैठक और
फ़ौरन गठित कर एक समिति
बुद्धिजीवियों की, लेने के लिए
मार्गदर्शन उनसे किसी विशेष,
बदलाव परियोजना के बारे में,
ताकि .. 'MBBS कोर्स' में ...
पढ़ाई जाती चार सालों तक
हनुमान चालीसा विस्तार से
और किसी महावीर मंदिर में
एक वर्षीय 'इंटर्नशिप' के तहत,
'जूनियर डॉक्टरों' से फिर ..
गवाए जाते हनुमान चालीसा ..
झाल, ढोल, मंजीरे के साथ,
बैठा के ताकि .. सार्थक हो जाती
उनकी पढ़ाई और सार्थक हो पाता
पावन हनुमान चालीसा भी ...
"नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा।"
ताकि .. पढ़ाई जाती भूगोल की कक्षा में,
शेषनाग के बारे में विस्तार से,
टिकी है पृथ्वी फन पर जिनके।
पढ़ायी जाती तहत इतिहास के
रामायण और महाभारत जैसी
सारी पावन पौराणिक कथाएँ।
पाँच वर्षीय 'आर्किटेक्ट' के
'कोर्स' में भी की जाती व्याख्या
विस्तार से प्रभु विश्वकर्मा जी की -
"बृहस्पते भगिनी भुवना ब्रह्मवादिनी।
प्रभासस्य तस्य भार्या बसूनामष्टमस्य च
विश्वकर्मा सुतस्तस्यशिल्पकर्ता प्रजापति।"
और गवाए जाते सभी से दीक्षांत समारोह में
मंच पर कतारबद्ध समवेत स्वर में -
"ऊँ आधार शक्तपे नम:। ऊँ कूमयि नम:।
ऊँ अनन्तम नम:। ऊँ पृथिव्यै नम:।
ॐ श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः।"
'पिरियोडिक टेबल' रसायन विज्ञान वाली,
उतरवा कर हरेक स्कूल-कॉलेज की दीवारों से,
लटकायी जाती ज्योतिष विद्या वाली कुण्डलियाँ।
ताकि .. कर दी जाती फिर तो न्यूटन,
आर्कमीडिज्, गैलीलियो, डार्विन,
जैसों की ऐसी की तैसी ..
और हाँ .. कणाद, आर्यभट, वाग्भट ..
इन सब की भी ऐसी की तैसी।
दोहा, चालीसा, व्रत कथाएँ ही
गूँजा करती कक्षाओं में हर कहीं।
'PCM'* या 'PCB'* को,
राय से सभी की, की जाती
'BVM'* से विस्थापित भी कभी।
बैठक विसर्जित होने से पहले,
सभी के उठ के चलते-चलते,
मन्दिरों में प्रभु के भोग-समय,
भोग-कक्ष संग कई दफ़ा,
कई जगह शयन-समय, शयन-कक्ष की
तरह ही क्यों ना भक्तों के भोगों को
जम कर जीमने वाले भगवानों के लिए भी,
स्वच्छ भारत अभियान के तहत,
मंदिरों में भी आधुनिकतम एक अदद ..
सुलभ शौचालय बनवाने का भी निर्णय लिया जाता .. बस यूँ ही ...
【 * - PCM = Physics, Chemistry, Mathematics.
• - PCB = Physics, Chemistry, Biology.
• - BVM = Bramha, Vishnu, Mahesh. (ब्रह्मा, विष्णु,महेश) 】.