(१) मकोय :-
तुम्हारी
छोटी-छोटी
बातें,
खट्टी-मिटटी
यादें,
हैं ढकी,
छुपी-सी,
समय की
सख़्त
परत में .. शायद ...
मानो ..
लटके हों
गुच्छ में,
अपने
क्षुप से,
काले-रसीले,
खट्टे-मीठे
मकोय
शुष्क
कवच में .. बस यूँ ही ...
(२) शब्दकोश से चुराए कुछ शब्द :-
(i)
अलि को देख कर अली ने अपनी अली से ये पूछा -
"बोलो अली ! हर बार मुझे छेड़ता है क्यों ये बावरा ?"
(ii)
कहीं बंदिशों की रीत, सज़ा हैं,
कहीं बंदिशों से, गीत सजा है।
【१. बंदिश = प्रतिबंध / पाबंदी / रोक।
सज़ा = दंड।
२. बंदिश = किसी राग विशेष में सजा एक निश्चित सुरसहित रचना।
सजा = सुसज्जित।】
(iii)
साहिब ! ये दौर भी भला कैसा गुजर रहा है ?
अंगना तो हैं घर में हमारे, वो अँगना कहाँ है ?