(1)#
बड़ा बेरंग-सा था
ये जीवन अपना
तेरे प्यार के प्रिज़्म ने इसे
'बैनीआहपीनाला' कर दिया .....
(2)#
अमरबेल-सा
परजीवी
मेरा मन
तुम्हारे
शिरीष के
शाखों-से
मन पर
लटका है
अटका है
तभी तो
जिन्दा है.....है ना !???
(3)#
बादलों !
बरसो छत्त पर उनके
जिन्हें तेरा कुछ पल .....
भींगाना भाता है।
पगले !
हमारा क्या !?....
हम तो....सालों भर
प्यार में 'उनके' भींगे रहते है ...
बड़ा बेरंग-सा था
ये जीवन अपना
तेरे प्यार के प्रिज़्म ने इसे
'बैनीआहपीनाला' कर दिया .....
(2)#
अमरबेल-सा
परजीवी
मेरा मन
तुम्हारे
शिरीष के
शाखों-से
मन पर
लटका है
अटका है
तभी तो
जिन्दा है.....है ना !???
(3)#
बादलों !
बरसो छत्त पर उनके
जिन्हें तेरा कुछ पल .....
भींगाना भाता है।
पगले !
हमारा क्या !?....
हम तो....सालों भर
प्यार में 'उनके' भींगे रहते है ...