आओ ना आज ..
आज की रात ..
मिलकर साथ-साथ ..
छत पर चाँदनी में
डुबकी लगायी जाए
और डाले हुए गलबहियाँ
खुसुर-फुसुर की जाए ..
सारी-सारी रात
बातें आपसी प्रेम भरी .. बस यूँ ही ...
पास आयेंगे भी जो
हम दोनों तो ..
इतने पास कि ..
बस्स .. गूँथ ही जाएँ
एक-दूजे में
पपनियाँ हमारी,
ताने-बाने की तरह
और बुन ही डालें
इक चटाई
हमारे सतरंगी सपनों की .. बस यूँ ही ...
( वस्तु (चित्र ) सौजन्य - "निफ्ट " हैदराबाद )
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 25 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteजी ! .. नमन संग आभार आपका .. अपनी प्रस्तुति के ग़लीचे पर हमारी बतकही की टुटही चटाई बिछाने के लिए .. बस यूँ ही ...
Deleteबने रहें सतरंगी रंग और चली रहे खुसुर पुसुर | होली शुभ हो |
ReplyDeleteजी ! .. नमन संग आभार आपका .. आपकी शुभकामना के लिए .. साथ ही आपको रंग-भाँग, माँस-मदिरा, छेड़छाड़ व गुझिए-मालपुए-दहीबड़े से परे .. सौहार्द्र-स्नेह के रंगों वाली होली की .. सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏
ReplyDeleteवाह , सुंदर खुसुर पुसुर ।
ReplyDeleteजी ! .. नमन संग आभार आपका ...
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