सनातनी एक सोच -
लगता है पाप
काटने से बरगद ,
बसते हैं उसमें एक
तथाकथित भगवान
.. शायद ...
पर दूबें .. या तो
नोची जाती हैं
पूजन के लिए उसी
तथाकथित भगवान के
या फिर हैं कुचली जाती
पैरों तले पगडंडियों पर
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 08 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जी ! आभार आपका ...
वाह
बहुत सुन्दर।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 08 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी ! आभार आपका ...
Deleteवाह
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Deleteबहुत सुन्दर।
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