जब तुम हिन्दू बनोगे
तब वो मुसलमान बनेंगें
पर दोनों ही साँसें लोगे .. एक ही हवा में
जब तुम अवतार कहोगे
तब वो पैगम्बर कहेंगें
पर दोनों ना दिखे हैं अब तक .. इस जहाँ में
जब तुम धर्म कहोगे
तब वो मज़हब कहेंगें
पर दोनों ही सिर झुका कर .. आँखें मूंदोगे
तुम बलि में 'झटका' मारोगे
वो क़ुर्बानी में 'हलाल' करेंगें
पर दोनों ही समान निरीह का ही .. क़त्ल करोगे
कभी तुम मंदिर में जाओगे
कभी वो मस्ज़िद में जाएंगें
पर दोनों इमारतों में एक-सी ही .. ईंट जोड़ोगे
जब तुम पूजा करोगे
तब वो ईबादत करेंगे
पर दोनों ही अपने दोनों हाथ .. ऊपर करोगे
तुम श्मशान का रुख़ करोगे
वो कब्रिस्तान का रुख़ करेंगे
पर दोनों ही एक दिन .. इसी मिट्टी में मिलोगे
दोनों ही मिलकर इतर इन सब से
धरती पर जब यहाँ इंसान बनेंगे
एक ही क़ुदरत से मिली सौगात .. तभी तो जिओगे
'लुटेरे', 'दंगाई', 'दमनकारी', 'बलात्कारी' ...
हर युग में ये सारे .. कभी नहीं इंसान बनेंगे
नागवार गुजरेगा इन्हें अगर जो तुम इनको कहोगे ..
कि ...
" मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना ..."
तब वो मुसलमान बनेंगें
पर दोनों ही साँसें लोगे .. एक ही हवा में
जब तुम अवतार कहोगे
तब वो पैगम्बर कहेंगें
पर दोनों ना दिखे हैं अब तक .. इस जहाँ में
जब तुम धर्म कहोगे
तब वो मज़हब कहेंगें
पर दोनों ही सिर झुका कर .. आँखें मूंदोगे
तुम बलि में 'झटका' मारोगे
वो क़ुर्बानी में 'हलाल' करेंगें
पर दोनों ही समान निरीह का ही .. क़त्ल करोगे
कभी तुम मंदिर में जाओगे
कभी वो मस्ज़िद में जाएंगें
पर दोनों इमारतों में एक-सी ही .. ईंट जोड़ोगे
जब तुम पूजा करोगे
तब वो ईबादत करेंगे
पर दोनों ही अपने दोनों हाथ .. ऊपर करोगे
तुम श्मशान का रुख़ करोगे
वो कब्रिस्तान का रुख़ करेंगे
पर दोनों ही एक दिन .. इसी मिट्टी में मिलोगे
दोनों ही मिलकर इतर इन सब से
एक ही क़ुदरत से मिली सौगात .. तभी तो जिओगे
'लुटेरे', 'दंगाई', 'दमनकारी', 'बलात्कारी' ...
हर युग में ये सारे .. कभी नहीं इंसान बनेंगे
नागवार गुजरेगा इन्हें अगर जो तुम इनको कहोगे ..
कि ...
" मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना ..."
व्वाहहहह..
ReplyDeleteबढ़िया चिंतन..
सादर..
जी ! आभार आपका ....
Deleteवाह!बहुत खूब!👍
ReplyDeleteजी ! आभार आपका ...
Deleteजीवन के दार्शनिक पक्ष / पहलू को उजागर करती जीवंत रचना। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीय सुबोध जी।
ReplyDeleteजी! आभार आपका ...
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteजी ! आभार आपका ...
Delete