Monday, June 26, 2023

पूर्वाभ्यास सफल सुहागरात के ...

दुनिया भर में प्रेमी- प्रेमिका के आपसी प्रेम की सफलता के सामाजिक मापदंड- शादी वाली मंज़िल तक पहुँचने वाले सफल और विफल लोगों की क्रमशः अधिक- कम या कम- अधिक आनुपातिक संख्या का आकलन या आँकड़ा का तो हमें संज्ञान नहीं है, परन्तु अपनी इस बतकही में एक विफल प्रेमी की एक परिकल्पना भर है। 

जिसके प्रेम की विफलता की वजह कुछ भी हो सकती है .. मसलन- उन दोनों की जाति- उपजाति या धर्म- सम्प्रदाय में भेद या फिर दोनों के परिवारों के मध्य आर्थिक विषमता के कारण परिवार- समाज का विरोध झेलने से या फिर प्रेमिका के लिए अपने परिवार द्वारा एक बेहतर भावी पति के मिलने के लालच की वजह से, .. ख़ैर ! .. वज़ह कोई भी हो .. परिस्थिति ये है कि विफल प्रेम वाली प्रेमिका की शादी किसी और से होने वाली है और प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए शुभकामनाएँ प्रेषित कर रहा है .. मन ही मन में .. बस यूँ ही ...

पूर्वाभ्यास सफल सुहागरात के ...

यूँ तो सुना है .. हो जाते हैं प्रवीण 

सारे कलाकार आपसी संवाद में

माह-दो माह भर के पूर्वाभ्यास से

और फलतः कर पाते हैं प्रायः एक दिन

एक कालजयी सफल मंचन .. बस यूँ ही ...


संग हमारे तुमने भी तो कई सालों तक 

किए थे पूर्वाभ्यास प्रेम-निवेदन के,

आलिंगन और चुम्बन के .. मेरे आलम्बन में,

कभी मधुमालती या तुरही बेल के चँदोवे तले

तो कभी केवड़े या केने के झुरमुटों के पीछे,

शहर के सार्वजनिक उद्यानों में अक़्सर

और सरके थे कई-कई बार, बारम्बार ..

तुम्हारी झिझक के झीने पल्लू .. बस यूँ ही ...


आशा ही नहीं, विश्वास है हमें कि

बेझिझक समा पाओगी अब तो तुम बाँहों में 

अपने भावी पति के .. अपने धर्मपति के, 

और हैं शुभकामनाएँ भी हमारी कि

होगी ही तुम्हारी .. एक सफल सुहागरात भी .. बस यूँ ही ...



6 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 27 जून 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी ! नमन संग आभार आपका 🙏 .. क्या करें .. ना मालूम किन तकनिकी गड़बड़ी के कारण इ ससुरी कोई-कोई प्रतिक्रिया 'स्पैम' के कोहबर में जा के खटवास-पटवास ले लेती है 😐😠.. कभी-कभी 'स्पैम' में झाँकने की 'ड्यूटी' निभानी पड़ती है .. अभी जाकर झाँकें तो मना कर लाए .. बस यूँ ही ...🙂🙂🙂

      Delete
  2. सुन्दर |

    ये नीचे अलग से इसके साथ मुफ्त :)

    [धर्म जरूरी है | हर जगह जीवन में पत्नी में पति में | धरममित्र धरम पुत्र धरम पड़ोसी अभी बचे हैं :) | ]

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी ! नमन संग आभार आपका .. और अब ये इसके साथ Complementary भी 👉

      साहिब ! आप पिटवाइयेगा क्या 🤔 सब में तो "धरम" चिपका दिए, बिना 'फेविकॉल' के और ... "पड़ोसन" में लगाना छोड़ दिए .. उनको नाराज़ किजिएगा क्या साहिब 🤔🤔

      दरअसल .. जैसे लोग अपने पसीने के बदबू को छुपाने के लिए 'डिओ' और मुँह से "मधुशाला" को गायब करने के लिए 'पिपरमिंट' की गोली का सेवन करते हैं, वैसे ही दिनचर्या के अधर्मों को छुपाने के लिए बात-बात में "धरम" लगाना पड़ता है ना साहिब .. शायद ... और पाप धोने के लिए गंगा में डुबकी .. बस यूँ ही ...
      😀😀😀

      Delete
  3. समय का प्रतिबिंब दिखाती सराहनीय रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी ! नमन संग आभार आपका ...

      Delete