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Sunday, July 14, 2019

अहसासों के झांझ

सुनो ना !
सोचा है आज
तुम तनिक अपने
मन की राई से
अहसासों के झांझ वाले
प्रेम का तेल
बहने दो ना जरा ...

बनाना चाहता हूँ
हमारे प्रेमसिक्त
तीते और नमकीन
नोंक-झोंक के
संतुलित मात्रा में
लुभावनी खुशबू से
तर-ब-तर मसाले
में लिपटा कर
बनाने की मनभावनी
प्रक्रिया वाले
चाहत की धूप में
सीझकर तैयार होते
चटपटे अचार
हमारे संबंधों के

जिसे सहेजना है
ताउम्र ... अनवरत
जीवन के फीकापन को
स्वाद देने के लिए
मेरी सोच के
मर्तबान में ...

सुनो ना !!! ....