Showing posts with label गणतंत्र दिवस. Show all posts
Showing posts with label गणतंत्र दिवस. Show all posts

Sunday, January 26, 2020

गणतंत्र दिवस के बहाने - चन्द पंक्तियाँ - (२२) - बस यूँ ही ...

*(१)* -
अपनी अभिव्यक्ति की छटपटाहट को
शब्दों में बाँधने के लिए आज
26 जनवरी के ब्रम्हमुहूर्त में
उनींदापन में एक लम्बी जम्हाई लेता
कागज़ .. कलम उठाया और ..
विषय-विशेष की उधेड़बुन में
अपना अबोध दिमाग खपाया ...
दरवाजे पर मेरे तभी दस्तक हुई
पूछा मैंने –
कौन!?..... कौन है भाई?”
मिला उत्तर –
मैं .. मैं राजतंत्र
चौंका मैं –
राजतंत्र !? ... कभी भी नहीं ... आज हीं तो 
अपने गणतंत्र दिवस की सालगिरह है भाई
दरवाजे के पार कुछ खुसुर-फुसुर तभी पड़ी सुनाई
हो हैरान पूछा पुनः मैंने –
दूसरा कौन है यार !?”
उत्तर आया –
मैं .. मैं भी हूँ साथ में ... भ्रष्टाचार ..."

*(२)* -
कभी लुटेरों ने दिया ज़ख़्म
तो कभी मिली ग़ुलामी की चोट
कभी बँटवारे का छाया मातम
तो कभी जनरक्षकों की लूट खसोट
गणतंत्र है फिर भी अपने भारत में आज
हम भी तो हैं स्वतंत्र आज मेरे भाई
फहराते हैं तिरंगा .. गाते हैं राष्ट्रगान
मनाते हैं 26 जनवरी .. बाँटते हैं मिठाई ...

*(३)* -
कुछ तिरंगे
कुछ जलेबियाँ
कुछ परेड
कुछ झाकियाँ
मन गया गणतंत्र दिवस
और भला क्या चाहिए
बस .. बस ..बस ...