Friday, November 28, 2025

है आतुर चरित्रहीन मुझ-सा .. बस यूँ ही ...

हम सभी अपनी-अपनी आपाधापी भरी ज़िन्दगी में एक-दूसरे को अक्सर कहते मिलते हैं, कि है - " यार ! वक्त ही नहीं मिल पाता। " किन्तु हमारा सारा वक्त तो हमारे पास ही होता है; जोकि सबको समान रूप से ही मिलता है। पर वक्त कब, कहाँ, कैसे और किसको देना है, ये प्रायः तय होता है .. हमारी चाहतों या प्राथमिकताओं के आधार पर .. शायद ...

अगर हम और आप अपनी इन्हीं आपाधापी भरी ज़िन्दगी में से केवल 15 मिनट का समय चुरा पाए;  तो फिर .. हम और आप मिलकर बतकही करेंगे। अपनों के बारे में, अपनापन के बारे में, स्नेह, श्रद्धा और प्रेम के बारे में, अनाम रिश्तों के बारे में, मन के आरोही-अवरोही विज्ञान के बारे में, उत्तराखंड के पहाड़, बर्फ़ और बादलों के साथ-साथ प्रेम-प्रस्तुति में पत्थरों की अहम भूमिका के बारे में।

आपको बस, केवल आपके अपने चहेते Smart मोबाइल फ़ोन में Google के Search Option में

"AIR Dehradun" को Type करनी है। 
जिसके परिणामस्वरूप आए कई Options में से पहले वाले Option को ही Click करते ही 

Screen पर ये AIR Dehradun वाला Page आ जाएगा।

 बस उस Page के Video वाले Sign पर उंगली से दबाते ही

आपका आधुनिक Radio cum Transistor चालू ...

इस तरह आप मानो यकायक किसी Time Machine की तरह मोबाइल के आधुनिक युग से रेडियो-ट्रांजिस्टर के पुरातन युग में प्रवेश कर जायेंगे।

तो बस्स ! .. आइए ! .. 30 नवम्बर, दिन - रविवार को रात 8 बजे AIR यानी All India Radio, Dehradun से होने वाले 15 मिनट के एक यादगार प्रसारण (Broadcasting) को सुनने का यथासंभव प्रयास करते हैं।

वैसे भी .. 30 नवम्बर को हिंदी पंचांग के अनुसार रात के 9 बज कर 29 मिनट तक रेवती नक्षत्र के शुक्ल पक्ष की दशमी है और हिंदी पंचांग के अनुसार ही रात के 8 बजे तक तथाकथित राहु काल की भी समाप्ति हो चुकी होगी। 

तो फिर .. तैयार हो जाइए .. मीन राशि वाले रेवती नक्षत्र के शुक्ल पक्ष की चाँदनी रात की बरसती चाँदनी में भींगते हुए .. रिश्तों की, प्यार की और गोलार्द्ध चाँद की भी बतकही सुनने के लिए और सुनकर महसूसने के लिए .. बस यूँ ही ...


फ़िलहाल .. चलते-चलते एक ताजातरीन बतकही भी : - 


है आतुर चरित्रहीन मुझ-सा .. बस यूँ ही ...


आए हैं आप शायद 

दिखलाने आईना मुझे

इस भरी महफ़िल में,

पर दिखेगा केवल

मुखौटा भर मेरा,

जान नहीं पायेंगे आप

बात जो है अभी मेरे दिल में।

देखना जो हो अगर कभी 

मुखौटे से बाहर मुझे और

मन को भी मेरे दिगम्बर रूप में,

दिगम्बर स्वरूप में, तो यक़ीन मानिए ..

आप आ जाइए कभी 

रात के अँधियारे में या 

फिर मेरी तन्हाई में कभी।

घूरिए फिर दूर से मेरे

मुखौटाविहीन दिगम्बर मन को

किसी सीसीटीवी कैमरे के जैसे।


थूकेंगे तब तो आप अवश्य मुँह पर मेरे,

जैसे थूका था कभी "बसंती" ने

"शोले" में "गब्बर" के मुँह पर

और हँस भी दें शायद आप

"वेलकम" वाले " 'गैंगस्टर'- उदय शेट्टी " बने

नाना पाटेकर की तरह

और बोलने भी लगें आप शायद ..

" मिर्ज़ापुर " के " लाला " वाले 

उस किरदार के संवाद, 

किसी 'मीम' के माफ़िक़ मुँह पर ही मेरे, 

कि .. " बड़े हरामी हो बेटा ! "

निःसंदेह .. आप थूकना मुँह पर मेरे,

हँसना भी मुझ पर ज़ोर से और ..

ठहराना हरामी भी मुझे, पर .. ज़रा ठहरिए .. 

क्योंकि कह रहा हूँ मैं अभी आपसे,

एक अन्य 'मीम' की तरह ही ..

कि .. " अभी रुको ज़रा ! " ..  " पिक्चर अभी बाकी है। "


क्योंकि .. कीजिएगा ये सब तभी,

साथ मेरे आप सभी .. किया ही नहीं हो जब 

जीवन में अपने आपने कभी एक बार भी ...

हस्तमैथुन .. हस्तमैथुन यानी 'मैस्टर्बेशन' ,

'मैस्टर्बेशन' तो .. समझते ही होंगे आप ? 

और शायद ... किया भी होगा 

आपने कभी ना कभी ? 

और हाँ .. वासनायुक्त होकर उस दरम्यान,

अपने किसी एक या कई-कई 'क्रशों' को 

कर-कर के बिंबित अंतर्मन में,

अपनी आँखें मूंदे बिस्तर पर अपने,

ना किया हो आपने नग्न,

"वीनस" या "डोरीफोरस" के जैसे ..

कई-कई दिगम्बर अवतारों में।

तब तो .. बेशक .. आएँ आप यहाँ ..

हर तरह से दण्डित होने के लिए ..

है आतुर चरित्रहीन मुझ-सा .. बस यूँ ही ...

          

गैंगस्टर = Gangster 

मीम = Meme

मैस्टर्बेशन = Masturbation

क्रश = Crush

वीनस = Venus de Milo

डोरीफोरस = Doryphoros




{ चित्र (मूर्ति) सौजन्य से - सालारजंग संग्रहालय, हैदराबाद. }

{ Pic (Statue) Courtesy - Salar Jung Museum, Hyderabad. }

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