Thursday, September 9, 2021

ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(अंतिम भाग-४).

गत तीन दिनों में प्रस्तुत तीन भागों में लम्बी भूमिकाओं :-

ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-१).

ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-२).

और 

ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-३).

के बाद ... आज बस .. अब .. कल के वादानुसार आइए .. कुछ भी कहते-सुनते (लिखते-पढ़ते) नहीं हैं .. बल्कि हम मिलकर देखते हैं .. मुंशी प्रेमचंद जी की मशहूर कहानी- कफ़न पर आधारित एक लघु फ़िल्म .. हम प्रशिक्षुओं का एक प्रयास भर .. इस "ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-४)." - अंतिम भाग  में .. बस यूँ ही ...

(फ़िल्म कफ़न का 'लिंक' - " कफ़न  "या इस ब्लॉग के View web version को click करने से मिल जाएगा।)

                                  कफ़न





2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. जी ! नमन संग आभार आपका ...

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