Tuesday, July 23, 2019

मन का आरोही-अवरोही विज्ञान

विज्ञान का ज्ञान
हमारा मूलभूत जीवन-आधार
है अवरोही क्रम में
प्राण-वायु (ऑक्सीजन) , जल और भोजन ..
प्राण- वायु ... रंगहीन, गंधहीन,
स्वादहीन  और अदृश्य भी... 
जल ... रंगहीन, गंधहीन,
स्वादहीन पर दृश्य ...
भोजन रंगीन, गंधयुक्त,
स्वादयुक्त और दृश्य भी ...

कुछ रिश्ते भी  होते तो हैं
शायद ठीक-ठीक
अदृश्य प्राण-वायु की तरह
अदृश्य पर अति आवश्यक
जीवन-आधार जैसे
हर पल तन-मन से 
लिपटे इर्द-गिर्द, आस-पास, हर पल
दिन हो या रात पर अदृश्य... 
कुछ रिश्ते होते हैं और भी
आवश्यक  समय-समय पर
जल और भोजन की तरह

पर हाँ ... एक अंतर है
प्राण-वायु जैसे रिश्ते और प्राण-वायु में
ये रिश्ते होते हैं  प्राण-वायु से इतर
रंगीन, स्वादिष्ट, सुगन्धित और दृश्य भी
हर पल.. हर क्षण ... हर घड़ी..
तनिक ... मन की आँखों, मन की जिव्हा
और सरसों की फली-सी नर्म-नाजुक
मन की उँगलियों से टटोलकर ज़रा ...
तुम ही समझाओ ना ... मेरे नासमझ मन को
मन के रिश्तों का गूढ़ और अबूझ विज्ञान ....


{ स्वयं के पुराने (जो तकनीकी कारण से नष्ट हो गया) ब्लॉग से }.






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