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Tuesday, July 16, 2024

बना तो कीर्तिमान् ...


बढ़ी हो या नहीं 
तुम्हारी रौनक, 
पर बेटियों के हर
ग़रीब पिता की
बढ़ ही गयी होगी 
शायद कसक।
 
देख तुम्हारी 
अमीरी की
फिजूलखर्ची की 
हलचल,
वर्षों होते रहेंगे
कई सारे मन विह्वल।

ख़र्चा करोड़ों धन,
कई महीनों की रस्में,
प्रतिष्ठितों ..
नामवरों के जमघट,
बना तो कीर्तिमान्
बेशक अलबेला, अद्भुत।

पर इन सब से क्या ?
इतर ..
चौंसठ कलाओं से,
होंगे क्या कुछ
करतब विशेष भी
उनकी सुहाग-सेज पर ?

शायद .. नहीं।
फिर भला क्यों
व्यर्थ धन प्रदर्शन ?
करते क्यों नहीं
जनकल्याण में तुम भी
"टाटा" जैसा धन समर्पण ?