जी ! .. सादर नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को अपनी प्रस्तुति तक ले जाने के लिए .. बस यूँ ही ... (आपके आमंत्रण में भूलवश अगस्त की जगह जुलाई हो गया है .. शायद ... पर .. कितना ही आनन्ददायक होता .. अगर .. हम सभी यूँ ही बीते लम्हों को सपने के साथ-साथ वास्तव में भी जी पाते .. है ना ..🤔)
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 11 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
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Delete(आपके आमंत्रण में भूलवश अगस्त की जगह जुलाई हो गया है .. शायद ...
पर .. कितना ही आनन्ददायक होता .. अगर .. हम सभी यूँ ही बीते लम्हों को सपने के साथ-साथ वास्तव में भी जी पाते .. है ना ..🤔)
सुन्दर
ReplyDeleteजी ! .. सादर नमन संग आभार आपका ...
Deleteबढिया!! अब ये कटहल भी उपमा में आ गया! 🙏
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