Thursday, February 13, 2020

फीका चाँद ...- चन्द पंक्तियाँ - (२४) - बस यूँ ही ...

कल बीते तथाकथित "HUG DAY" के बहाने ...

(१)💝

फीका चाँद ...

सार्वजनिक उद्यान
ढलती दुपहरी
गुनगुनी धूप
बसंती बयार
नर्म घास पर
चित लेटा मैं
निहारता
नीला आकाश
आधा चाँद
फीका चाँद ...

आधा-अधूरा
फीका भी
पर आँखों को
भाता .. सुहाता
सुहाना-सा
अधखिले फूल या
आधे-अधूरे
बिन गले मिले
कशिश भरे
प्यार की तरह ...


(२)💝

शीशी में चाँदनी ...

               सनम ! ...
शक़ करने से पहले चाहत पर मेरी
                सुनो ..
हो सके तो लेकर आना कभी भी
                 एक ..
छोटी-सी डिबिया में हवा वसंत की
                और ..
छोटी-सी शीशी में भर कर चाँदनी ...







10 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 13 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. नमन आपको यशोदा जी ! दिन-प्रतिदिन आपके आभार का भार बढ़ता ही जा रहा है ... आपकी निगहबानी भावुक कर जाती है ...

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  3. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 14 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. नमस्कार ! आभार आपका मेरी रचना को साझा के लिए चुनने हेतु ...

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...।

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  6. बहुत सुंदर रचना

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