Monday, June 5, 2023

हृदय स्पंदन बनाम पर्यावरण दिवस ...

बस यूँ ही ...

साहिबान !!!


आप सभी को मन से नमन 🙏


आज 'सोशल मीडिया' पर तथाकथित "पर्यावरण दिवस" की बहुत ही हलचल है और आज इसी बहाने 'सेल्फ़ी' चमकाने और उसे 'सोशल मिडिया' की दीवार को भी भरने के दिन हैं।


इनमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले ज्यादातर दोपाया तथाकथित बुद्धिजीवी प्राणीगण वही लोग हैं जो लोग अपनी-अपनी दिनचर्या के साथ-साथ मरने पर भी श्मशान में मनों लकड़ी जलाकर पर्यावरण का दोहन करते हैं .. शायद ...


कुछेक हिम्मत करने वाले अब विद्युत शवदाह गृह में जलने की बात करते हैं, वर्ना आडम्बरी तथाकथित सनातनियों को तो सात या नौ मन लकड़ी जलाए बिना मोक्ष की प्राप्ति ही नहीं होगी .. शायद ...

 
साहिबान !!!! ... देहदान के बारे में भी विचार किया जाए एक बार, ताकि वृक्ष के साथ-साथ विद्युत की भी बचत हो सके, जिसका उत्पादन भी पर्यावरण के दोहन से ही होता है .. शायद ...


साथ ही देहदान के फलस्वरूप हमारे मृत शरीर के उपयोगी अंगों से किसी ज़रूरतमंद को आँखों की रोशनी, किसी को हृदय स्पन्दन दे सके, किसी को Dialysis जैसे मंहगे उपचार से छुटकारा दिला सके .. और तो और .. हमारे मृत शरीर का कंकाल देश के चिकित्सा विज्ञान के युवा विद्यार्थीयों के भी काम आ सकेगा .. इस तरह हम मर कर भी कुछ समाज सेवा भी कर जायेंगे और पर्यावरण को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित छोड़ जायेंगे .. शायद ... 🙏 .. बस यूँ ही ...



6 comments:

  1. बहुत ही उत्तम विचार,उपयुक्त सुझाव एवं उचित मार्गदर्शन से परिपूर्ण पर्यावरण के संरक्षण पर लेख के लिए आपका हार्दिक आभार सुबोध सिन्हा जी 🙏

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    1. जी रूही जी ! नमन संग आभार आपका, मेरी बतकही के लिए अपना मूल्यवान समय और अपनी यथोचित प्रतिक्रिया देने के लिए ...

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 06 जून 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. जी ! नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपनी प्रस्तुति के लायक समझ कर इस प्रतिष्ठित मंच पर स्थान देने के लिए ...

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  3. देहदान के फलस्वरूप हमारे मृत शरीर के उपयोगी अंगों से किसी ज़रूरतमंद को आँखों की रोशनी, किसी को हृदय स्पन्दन दे सके, किसी को Dialysis जैसे मंहगे उपचार से छुटकारा दिला सके .. और तो और .. हमारे मृत शरीर का कंकाल देश के चिकित्सा विज्ञान के युवा विद्यार्थीयों के भी काम आ सकेगा .. इस तरह हम मर कर भी कुछ समाज सेवा भी कर जायेंगे
    बहुत ही सटीक एवं सारगर्भित
    लाजवाब लेख।

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    1. जी ! नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही के लिए आपकी अपनी सारगर्भित प्रतिक्रिया देने के लिए .. बस यूँ ही ...

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