बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Thursday, August 11, 2022

धुआँ-धुआँ ही सही .. बस यूँ ही ...

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(१) # तिल-तिल कर, तिल्लियों से भरी दियासलाई वाली  डिब्बी अनुराग की सील भी जाए गर सीलन से दूरियों की, मन में अपने तब भी रखना सुलगाए पर, धुआँ-...
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Sunday, August 7, 2022

कभी तिमला, तो कभी किलमोड़ा ...

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देखता हूँ .. अक़्सर ... कम वक्त के लिए पहाड़ों पर आने वाले सैलानियों की मानिंद ही कम्बख़्त फलों का भी पहाड़ों के बाज़ारों में  लगा रहता है सालों ...
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Wednesday, August 3, 2022

बस मन का ...

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 (१) बतियाने वाला स्वयं से अकेले में, कभी अकेला नहीं होता, खिलौने हों अगर कायनात, तो खोने का झमेला नहीं होता    .. शायद ... (२) साहिब ! यहाँ...
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Sunday, July 31, 2022

भींजे ख़्वाबों में .. बस यूँ ही ...

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  यूँ तो कहते हैं सब कि "समुन्दर में  नहा कर तुम  और भी  नमकीन हो गई हो ~~~", पर पता है कहाँ उन्हें,  कि .. समुन्दर में कम .. सनम ...
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Monday, July 18, 2022

 बस यूँ ही ...

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  (1) तुम ना सही,  तेरी यादें ही सही,  मन के आले पर संभाले,  रखा हूँ आज भी तुम्हें सहेज करके .. बस यूँ ही ... वर्ना यूँ तो  पूजते हैं जिसे स...
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Saturday, April 30, 2022

आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - २ ).[अन्तिम].

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'बिस्कुट' .. हाँ, हाँ, .. साहिबान ... याद आयी अभी-अभी और भी एक बात ये, होते ही ज़िक्र अभी 'बिस्कुट' के, महज दशमलव पाँच-पाँच प...
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Thursday, April 28, 2022

आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - १).

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करने वाली 'कम्पनी' विशेष कोई  स्वयं के स्वदेशी होने के दावे, और एक स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पाद सोया 'चिप्स' देने के वादे, यूँ हो...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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