करने वाली 'कम्पनी' विशेष कोई
स्वयं के स्वदेशी होने के दावे,
और एक स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पाद
सोया 'चिप्स' देने के वादे,
यूँ होते तो हैं जिनमें पर ...
छः प्रतिशत ही मात्र
स्वास्थ्यवर्द्धक सोयाबीन के आटे।
ऐसी ही किसी 'कम्पनी' विशेष के
फूल कर कुप्पा हुए,
आधे से ज्यादा 'नाइट्रोजन गैस' से भरे,
रंगीन विज्ञापनों से सजे-धजे,
उन 'पिल्लो पाउचों' की मानिंद
बारहा नज़र आप भी तो हैं आते,
तमाम 'सोशल मीडिया' पर जब-जब
तमाम बहुरंगी 'सेल्फियाँ' हैं अपनी बिखेरते,
कई सारे 'टैग्स' और 'कैप्शन्स' भरे,
करते हुए भव्य स्वघोषणा स्वयं के
एक सभ्य समाजसेवी होने के,
चंद बच्चों को किसी 'स्लम एरिया' के
चंद 'पैकेट्स' 'बिस्कुट' के बाँटते हुए
या फिर कुछ उन्हीं में से
या फिर सभी मैले-कुचैले
गरीब बच्चों को पास बैठा के पुचकारते हुए
बस ... 'ऑन' रहने तक सामने किसी 'कैमरे' के .. शायद ...
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (29-04-2022) को चर्चा मंच "दिनकर उगल रहा है आग" (चर्चा अंक-4415) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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जी ! सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. इस मंच पर अपनी आज की बहुआयामी प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने के लिए ...
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ अप्रैल २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
जी ! सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. इस मंच पर अपनी आज की इंद्रधनुषी प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने के लिए ...
Deleteशानदार भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteजी ! नमन संग आभार आपका ...
Deleteसुंदर विश्लेषण
ReplyDeleteआभार..
सादर..
जी ! नमन संग आभार आपका .. अब कैसी तबियत है आपकी ?
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