बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Wednesday, August 3, 2022

बस मन का ...

›
 (१) बतियाने वाला स्वयं से अकेले में, कभी अकेला नहीं होता, खिलौने हों अगर कायनात, तो खोने का झमेला नहीं होता    .. शायद ... (२) साहिब ! यहाँ...
13 comments:
Sunday, July 31, 2022

भींजे ख़्वाबों में .. बस यूँ ही ...

›
  यूँ तो कहते हैं सब कि "समुन्दर में  नहा कर तुम  और भी  नमकीन हो गई हो ~~~", पर पता है कहाँ उन्हें,  कि .. समुन्दर में कम .. सनम ...
10 comments:
Monday, July 18, 2022

 बस यूँ ही ...

›
  (1) तुम ना सही,  तेरी यादें ही सही,  मन के आले पर संभाले,  रखा हूँ आज भी तुम्हें सहेज करके .. बस यूँ ही ... वर्ना यूँ तो  पूजते हैं जिसे स...
14 comments:
Saturday, April 30, 2022

आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - २ ).[अन्तिम].

›
'बिस्कुट' .. हाँ, हाँ, .. साहिबान ... याद आयी अभी-अभी और भी एक बात ये, होते ही ज़िक्र अभी 'बिस्कुट' के, महज दशमलव पाँच-पाँच प...
1 comment:
Thursday, April 28, 2022

आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - १).

›
करने वाली 'कम्पनी' विशेष कोई  स्वयं के स्वदेशी होने के दावे, और एक स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पाद सोया 'चिप्स' देने के वादे, यूँ हो...
8 comments:
Sunday, April 24, 2022

मन-मस्तिष्क की दीवारों पे ...

›
पाता होगा समझ जितना विशुद्ध बांग्ला भाषी कोई, ज्ञानपीठ मिले किसी भी  कन्नड़ साहित्यकार की  कोई कन्नड़ रचना या विशुद्ध कन्नड़ भाषी भी कोई बांग्ल...
14 comments:
Saturday, April 23, 2022

'मेन एट वर्क' ...

›
जितनी ही ज्यादा स्वयं को  'वर्किंग लेडी' कह के जब-जब  आपने अपनी गर्दन है अकड़ाई ; उतनी ही ज्यादा उन्होंने ख़ुद को  'हाउस वाइफ...
2 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
View my complete profile
Powered by Blogger.