Monday, July 18, 2022
बस यूँ ही ...
›
(1) तुम ना सही, तेरी यादें ही सही, मन के आले पर संभाले, रखा हूँ आज भी तुम्हें सहेज करके .. बस यूँ ही ... वर्ना यूँ तो पूजते हैं जिसे स...
14 comments:
Saturday, April 30, 2022
आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - २ ).[अन्तिम].
›
'बिस्कुट' .. हाँ, हाँ, .. साहिबान ... याद आयी अभी-अभी और भी एक बात ये, होते ही ज़िक्र अभी 'बिस्कुट' के, महज दशमलव पाँच-पाँच प...
1 comment:
Thursday, April 28, 2022
आधे-आधे प्रतिशत 'मल्टीग्रेन' वाले ... ( भाग - १).
›
करने वाली 'कम्पनी' विशेष कोई स्वयं के स्वदेशी होने के दावे, और एक स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पाद सोया 'चिप्स' देने के वादे, यूँ हो...
8 comments:
Sunday, April 24, 2022
मन-मस्तिष्क की दीवारों पे ...
›
पाता होगा समझ जितना विशुद्ध बांग्ला भाषी कोई, ज्ञानपीठ मिले किसी भी कन्नड़ साहित्यकार की कोई कन्नड़ रचना या विशुद्ध कन्नड़ भाषी भी कोई बांग्ल...
14 comments:
Saturday, April 23, 2022
'मेन एट वर्क' ...
›
जितनी ही ज्यादा स्वयं को 'वर्किंग लेडी' कह के जब-जब आपने अपनी गर्दन है अकड़ाई ; उतनी ही ज्यादा उन्होंने ख़ुद को 'हाउस वाइफ'...
2 comments:
Friday, April 22, 2022
कुम्हलाहट तुम्हारे चेहरे की ...
›
अक़्सर .. अनायास ... कुम्हला ही जाता है चेहरा अपना, जब कभी भी .. सोचता हूँ जानाँ, कुम्हलाहट तुम्हारे चेहरे की विरुद्ध हुई मन के तुम्हारे बा...
Sunday, April 17, 2022
चौपाई - जो समझ आयी .. बस यूँ ही ...
›
आराध्यों को अपने-अपने यूँ तो श्रद्धा सुमन, करने के लिए अर्पण ज्ञानियों ने थी बतलायी। श्रद्धा भूल बैठे हैं हम, सुमन ही याद रह पायी, सदियों से...
16 comments:
‹
›
Home
View web version