Saturday, May 15, 2021
प्रिया संग मानसिक संवाद ... ( भाग-२ ).
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ऐसी ही अवांछित परिस्थितियों में स्वतः संगरोध ( Self Quarantine ) होते हुए गृह-अलगाव ( Home Isolation ) के दरम्यान अलग-थलग एक बिस्तर पर पड़े-...
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Wednesday, May 12, 2021
प्रिया संग मानसिक संवाद ... ( भाग-१ ).
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बचपन में प्रायः या आज भी कभी-कभार चूहे-बिल्लियों या चूज़े-बाज़ों के बीच अलग-अलग तरह के झपट्टों पर संयोगवश हमारी निगाहें पड़ ही जाती हैं। ऐसे मे...
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Monday, April 12, 2021
मन भी दिगम्बर किया जाए ...
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यूँ तो 10 फ़रवरी' 2021 को अपने इसी ब्लॉग पर "रिश्ते यहाँ अक़्सर ..." शीर्षक के अन्तर्गत अपनी बतकही/रचनाओं से पहले आज अभी अपने क...
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Wednesday, April 7, 2021
बस्ती में बच्चों को ...
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यूँ पंछियों को निहारता घंटों, है सहलाता लावारिस पशुओं को भी, पर सिर झुकाता नहीं 'मूक' के आगे,समझते हैं सब उसे सिरफिरा। करता रहता ह...
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Saturday, April 3, 2021
रक्त-पीड़ा की जुगलबंदी ...
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लौट रहीं थीं इसी साल आठ मार्च को तीन षोडशी सहेलियाँ देर रात, अपने-अपने घर करती हुई हँसी-ठिठोली और करती हुई आपस में कुछ-कुछ बात, मनाए गए उस...
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Saturday, March 27, 2021
सुलग रही है विधवा ...
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गहनों से सजानी थी उसे जो अगर अपनी दुकानें, तो खरा सोना पास अपने यूँ भला रखता क्योंकर? सकारे ही तोड़े गए सारे फूल, चंद पत्थरों के लिए, बाग़ीचा ...
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Wednesday, March 24, 2021
दास्तानें आपके दस्ताने की ...
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पापा ! ... वर्षों पहले तर्ज़ पर सुपुर्द-ए-ख़ाक के आपके सुपुर्द-ए-राख होने पर भी, आज भी वर्षों बाद जब कभी भी फिनाईल की गोलियों के या फिर कभी ...
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