बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Saturday, February 20, 2021

मन का व्याकरण ...

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शुक्र है कि  होता नहीं कोई व्याकरण और ना ही  होती है  कोई वर्तनी , भाषा में नयनों वाली दो प्रेमियों की  वर्ना ..  सुधारने में ही व्याकरण  और...
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Wednesday, February 17, 2021

तसलवा तोर कि मोर - (भाग-१) ... {दो भागों में}.

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वैसे तो सर्वविदित है कि बीसवीं सदी की शुरुआती दौर में ही आमजन के लिए रेडियो-प्रसारण की शुरुआत न्यूयार्क के बाद हमारे परतंत्र भारत में भी हो ...
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Saturday, February 13, 2021

वो बचकानी बातें ...

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दस पैसे का  एक सिक्का जेबख़र्च में  मिलने वाला रोजाना कभी, किसी रोज रोप आते थे बचपन में चुपके से  आँगन के तुलसी चौरे में  सिक्कों के  पेड़ उग ...
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Wednesday, February 10, 2021

रिश्ते यहाँ अक़्सर ...

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वैसे तो हमारे जीवन में पढ़ाई के समय तो Course ( अध्ययन/ पाठ्यक्रम ) शब्द हुआ ही करता है और अब तो .. खाने में भी Course शब्द धड़ल्ले से इस्तेमा...
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Saturday, February 6, 2021

बासंती हलचल में ...

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 यूँ तो किसी  चुनावी मौसम के  रंगबिरंगे पोस्टरों की  मानिंद मुझे  अपनी उम्र की बासंती हलचल में अपने दिल की दीवार पर  है सजाया  बहुत ख़ूब  तुम...
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Saturday, January 30, 2021

रामः रामौ रामा: ...

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आजकल मुहल्ले या शहर-गाँव में कई-कई लाउडस्पीकरों की श्रृंखला में बजने (?) वाले कानफोड़ू तथाकथित जगराता, जागरण या सत्यनारायण स्वामी की कथा या फ...
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Friday, January 29, 2021

चँदोवा ...

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किसी का रूढ़िवादी होना भी कई बार हमें गुदगुदा जाता है । ठीक उस 'डिटर्जेंट पाउडर' विशेष के विज्ञापन - " कुछ दाग़-धब्बे अच्छे होते ...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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