बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Friday, February 14, 2020

तलाशो ना जरा वसंत को ...

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रंग चुके हैं अब तक मिलकर हम ने सभी कई-कई कागजी पन्ने नाम पर वसंत के 'वेब-पेजों' को भी सजाए हैं कई-कई आभासी दुनिया के 'सोशल म...
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Thursday, February 13, 2020

फीका चाँद ...- चन्द पंक्तियाँ - (२४) - बस यूँ ही ...

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कल बीते तथाकथित "HUG DAY" के बहाने ... (१)💝 फीका चाँद ... सार्वजनिक उद्यान ढलती दुपहरी गुनगुनी धूप बसंती बयार नर्म घ...
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Tuesday, February 11, 2020

मन वसंत ...- चन्द पंक्तियाँ - (२३) - बस यूँ ही ...

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आज के बीते और परसों के आने वाले क्रमशः तथाकथित "प्रॉमिस डे" और "किश डे" के बहाने ... 【1】💝 वादों को ... बस केवल ...
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Friday, January 31, 2020

कुछ नमी-सी ...

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बयार आज अचानक कुछ-कुछ.. चिरायंध गंध से है क्यों बोझिल शायद गाँव के हरिजन टोले में फिर लाए गए किसी श्मशान से अधजले बाँस में बाँध कर पैर ...
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Sunday, January 26, 2020

गणतंत्र दिवस के बहाने - चन्द पंक्तियाँ - (२२) - बस यूँ ही ...

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*(१)* - अपनी अभिव्यक्ति की छटपटाहट को शब्दों में बाँधने के लिए आज 26 जनवरी के ब्रम्हमुहूर्त में उनींदापन में एक लम्बी जम्हाई लेता कागज़...
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Saturday, January 25, 2020

कर ली अग्नि चुटकी में ...

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यार माचिस ! .. " कर लो दुनिया मुट्ठी में " अम्बानी जी के जोश भरे नारे से एक कदम तुमने तो बढ़ कर आगे कर ली अग्नि चुटकी में पू...
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Friday, January 24, 2020

काला पानी की काली स्याही

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अम्मा की लोरियों वाले बचपन के हमारे चन्दा मामा दूर के  ... जो पकाते थे पुए गुड़ के यूँ तो सदा ही रहे वे पुए ख्याली पुलाव जैसे ही बने हु...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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