आज के बीते और परसों के आने वाले क्रमशः तथाकथित "प्रॉमिस डे" और "किश डे" के बहाने ...
【1】💝
वादों को ...
बस केवल
खादी का ही
ताना बाना
रहने दो ना ..
वादों को
सनम ...
तुम तो
धड़कती हो
धड़कती रहो
मेरे दिल में
बस यूँ ही
हरदम ...
【2】💝
वादे की ...
भला कब
ज़रूरत
पड़ती है
अपनों को
वादे की ..
बतलाओ ना जरा ...
कोयल की
कूक-सी
फबती हो
हर पल तुम ..
सजा रखा है
जो मन वसंत मेरा ...
【3】💝
चाह चूमने की ...
होठों को
सिकोड़ कर ..
चाय की
प्याली से
बार-बार
लगाना ...
है चाह
चूमने की
तुमको ..
चाय तो है
बस एक
बहाना ...
【1】💝
वादों को ...
बस केवल
खादी का ही
ताना बाना
रहने दो ना ..
वादों को
सनम ...
तुम तो
धड़कती हो
धड़कती रहो
मेरे दिल में
बस यूँ ही
हरदम ...
【2】💝
वादे की ...
भला कब
ज़रूरत
पड़ती है
अपनों को
वादे की ..
बतलाओ ना जरा ...
कोयल की
कूक-सी
फबती हो
हर पल तुम ..
सजा रखा है
जो मन वसंत मेरा ...
【3】💝
चाह चूमने की ...
होठों को
सिकोड़ कर ..
चाय की
प्याली से
बार-बार
लगाना ...
है चाह
चूमने की
तुमको ..
चाय तो है
बस एक
बहाना ...
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 12 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसुप्रभात यशोदा जी ! नमन आपको ! आभार आपका ...
ReplyDeleteबेहतरीन सृजन ,सादर नमन आपको
ReplyDeleteजी ! नमन आपको और आभार आपका रचना तक आने के लिए ...
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