बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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Sunday, November 3, 2019

मन की कलाई पर ... ( दो रचनाएँ ).

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१)* जानिब ! .. तुम मानो .. ना मानो पर .. मेरी मन की कलाई पर अनवरत .. शाश्वत .. लिपटी हुई हो तुम मानो .. मणिबंध रेखा ... तुम .. जा...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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