बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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Friday, October 25, 2019

आप और आपका उल्लू ... - चन्द पंक्तियाँ - (२०) - बस यूँ ही ...

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(१)# घर-घर चमक रहा सज रहा .. दमक रहा .. पर ... शहर-गाँव की गलियों के हर नुक्कड़ पर बढ़ गया है इन दिनों कूड़े-कचरों का ढेर और .. मुहल्...
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Friday, October 18, 2019

मन को जला कर ...

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माना कि ... बिना दिवाली ही जलाई थी कई मोमबत्तियाँ भरी दुपहरी में भीड़ ने तुम्हारी  और कुछ ने ढलती शाम की गोधूली बेला में शहर के उस मशहूर...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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