बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Friday, February 26, 2021

कुरकुरी तीसीऔड़ियाँ / रुमानियत की नमी ...

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जानाँ ! ... तीसी मेरी चाहत की  और दाल तुम्हारी हामी की मिलजुल कर संग-संग , समय के सिल-बट्टे पर  दरदरे पीसे हुए , रंगे एक रंग , सपनों की परतो...
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Wednesday, February 24, 2021

तसलवा तोर कि मोर - (भाग-२) ... {दो भागों में}.

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कोई रंगकर्मी जब अपने नाम से कम और अपने जिए गए पात्र के नाम से लोगों में ज्यादा जाना-पहचाना या सम्बोधित किया जाने लगता है तो उसे उसके अभिनय क...
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Saturday, February 20, 2021

मन का व्याकरण ...

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शुक्र है कि  होता नहीं कोई व्याकरण और ना ही  होती है  कोई वर्तनी , भाषा में नयनों वाली दो प्रेमियों की  वर्ना ..  सुधारने में ही व्याकरण  और...
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Wednesday, February 17, 2021

तसलवा तोर कि मोर - (भाग-१) ... {दो भागों में}.

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वैसे तो सर्वविदित है कि बीसवीं सदी की शुरुआती दौर में ही आमजन के लिए रेडियो-प्रसारण की शुरुआत न्यूयार्क के बाद हमारे परतंत्र भारत में भी हो ...
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Saturday, February 13, 2021

वो बचकानी बातें ...

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दस पैसे का  एक सिक्का जेबख़र्च में  मिलने वाला रोजाना कभी, किसी रोज रोप आते थे बचपन में चुपके से  आँगन के तुलसी चौरे में  सिक्कों के  पेड़ उग ...
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Wednesday, February 10, 2021

रिश्ते यहाँ अक़्सर ...

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वैसे तो हमारे जीवन में पढ़ाई के समय तो Course ( अध्ययन/ पाठ्यक्रम ) शब्द हुआ ही करता है और अब तो .. खाने में भी Course शब्द धड़ल्ले से इस्तेमा...
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Saturday, February 6, 2021

बासंती हलचल में ...

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 यूँ तो किसी  चुनावी मौसम के  रंगबिरंगे पोस्टरों की  मानिंद मुझे  अपनी उम्र की बासंती हलचल में अपने दिल की दीवार पर  है सजाया  बहुत ख़ूब  तुम...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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