Saturday, September 7, 2019
एक कॉकटेल है ज़िन्दगी ...
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ऐ ज़िन्दगी ! तू ऊहापोह की गठरी-सी पता नहीं कितनी परायी और ना जाने तू कितनी सगी री ... लगती तो है तू कभी - कभी लियोनार्डो दी विंची की म...
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Friday, September 6, 2019
आचरण का मापदण्ड - ( कहानी / घटना ).
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इसी रचना/घटना का एक अंश :- ●【" पढ़ल-लिखल (पढ़ा-लिखा) के बाते (बात ही) दूसरा है भलुआ के मईया ! गाड़ी-घोड़ा, ए सी- बँगला, चकाचक कपड़ा, गि...
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Monday, September 2, 2019
"एक सवाल पुरखों से" . ( तीज के बहाने - एक कविता ) ...
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अपने सुहाग की दीर्घायु और मंगलकामना करती हुई तीज-त्योहार मनाने के बहाने सम्प्रदाय विशेष की सारी सुहागिनें निभाती हैं पुरखों की परम्परा ...
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Sunday, September 1, 2019
सबक़ (एक कविता).
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अपने घर ... एक कमरे के किसी कोने में उपेक्षित-सा पड़ा अपने स्कूल के दिनों का जर्जर-सा शब्दकोश अपने सात वर्षीय बेटे के लिए मढ़वाने पँहुच...
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Friday, August 30, 2019
चन्द पंक्तियाँ - (१४) - बस यूँ ही ...
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(1)* नंगे अहसास -------------- हर अहसासों को शब्दों का पोशाक पहनाया जाए ये जरुरी तो नहीं ... कुछ नंगे अहसास जो तन्हाई में ...
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Thursday, August 29, 2019
चन्द पंक्तियाँ - (१३) - बस यूँ ही ...
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(1)# कुछ रिश्ते होते हैं ... कुछ रिश्ते होते हैं माथे से उतार कर बाथरूम की दीवारों पर चिपकाई गई लावारिस बिंदी की तरह या कभी-कभी ...
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Wednesday, August 28, 2019
चन्द पंक्तियाँ - (१२) - बस यूँ ही ...
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(१)* कपूर-बट्टियाँ यथार्थ की पूजन-तश्तरी में पड़ी कई टुकड़ों में बँटी धवल .. निश्चल .. निःस्पन्दित .. बेबस .. तुम्हारे तन की कपूर-बट्टि...
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