बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Friday, August 30, 2019

चन्द पंक्तियाँ - (१४) - बस यूँ ही ...

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(1)* नंगे अहसास         -------------- हर अहसासों को शब्दों का पोशाक पहनाया जाए ये जरुरी तो नहीं ... कुछ नंगे अहसास जो तन्हाई में ...
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Thursday, August 29, 2019

चन्द पंक्तियाँ - (१३) - बस यूँ ही ...

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(1)#  कुछ रिश्ते होते हैं ...   कुछ रिश्ते होते हैं माथे से उतार कर बाथरूम की दीवारों पर चिपकाई गई लावारिस बिंदी की तरह या कभी-कभी ...
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Wednesday, August 28, 2019

चन्द पंक्तियाँ - (१२) - बस यूँ ही ...

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(१)* कपूर-बट्टियाँ यथार्थ की पूजन-तश्तरी में पड़ी कई टुकड़ों में बँटी धवल .. निश्चल .. निःस्पन्दित .. बेबस .. तुम्हारे तन की कपूर-बट्टि...
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Saturday, August 24, 2019

दोनों प्रेम-प्रदर्शन में शिला ...

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समान है दोनों में शिला पर एक सफ़ेद क़ीमती मकराना की शिला तो दूसरी गहलौर के पहाड़ की काली शिला समान हैं दोनों में बाईस वर्ष पर एक में जु...
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Friday, August 23, 2019

चन्द पंक्तियाँ - (११) - बस यूँ ही ...

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(1)@ गाहे- बगाहे गले मिल ही जाते हैं साफिया की अम्मी के बावर्चीखाने से बहकी ज़ाफ़रानी जर्दा पुलाव की भीनी ख़ुश्बू और ..... सिद्धार्थ...
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Thursday, August 22, 2019

देहदान - ( कहानी ).

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इसी कहानी " देहदान" का एक अंश :- ◆【लगभग ठहाका लगाते हुए अनूप ने नुपूर के दोनों कंधे को प्यार से पकड़ कर - " जो सबसे दिलचस्प...
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Wednesday, August 21, 2019

शाख़ से जुड़ा गुलाब

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एक गुलाब पुष्पगुच्छों में बंधा किसी वातानुकूलित सभागार के सुसज्जित मंच के केंद्र में एक क़ीमती मेज़ पर पड़े किसी गुलदस्ते में था रखा हिक़...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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