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वर्तनी
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Tuesday, June 27, 2023
मूँदी पलकों से ...
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धुँधलके में जीवन-संध्या के धुंधलाई नज़रें अब हमारी, रोम छिद्रों की वर्णमाला सहित पहले की तरह पढ़ कहाँ पाती हैं भला बला की मोहक प्रेमसिक्त .....
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Saturday, February 20, 2021
मन का व्याकरण ...
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शुक्र है कि होता नहीं कोई व्याकरण और ना ही होती है कोई वर्तनी , भाषा में नयनों वाली दो प्रेमियों की वर्ना .. सुधारने में ही व्याकरण और...
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