Showing posts with label
बतकही
.
Show all posts
Showing posts with label
बतकही
.
Show all posts
Thursday, August 11, 2022
धुआँ-धुआँ ही सही .. बस यूँ ही ...
›
(१) # तिल-तिल कर, तिल्लियों से भरी दियासलाई वाली डिब्बी अनुराग की सील भी जाए गर सीलन से दूरियों की, मन में अपने तब भी रखना सुलगाए पर, धुआँ-...
8 comments:
Wednesday, June 9, 2021
राजा आप का .. तड़ीपार ... (भाग-४). 【अन्तिम भाग】.
›
(१) "कलम आपकी, राजा आप का, अखबार आप का, लिखें, कौन रोक रहा है ? जितना चाहे लिखें।" (२) "उन्हें मोहतरमा इसलिए कह रहा हूँ, क्...
6 comments:
Sunday, June 6, 2021
राजा आप का .. तड़ीपार ... (भाग-३).
›
अगर आपने अब तक हमारी बतकही झेलने की हिम्मत रखी है, तो अब "राजा आप का .. तड़ीपार ... (भाग-३)". के तहत अपनी बतकही आगे बढ़ाते हुए, जय...
Saturday, June 5, 2021
राजा आप का .. तड़ीपार ... (भाग-२).
›
अब आज "राजा आप का .. तड़ीपार ... (भाग-२)." की तख़्ती पर फ़िल्मों के बहाने अंजानी भाषाओं के अंजाने शब्दों के साथ-साथ अपनी कई आपबितिय...
Monday, January 6, 2020
हाईजैक ऑफ़ पुष्पक ... - भाग- १ - ( आलेख ).
›
#१) गंगा तू आए कहाँ से ... :- हम सभी गर्वीली "हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है" से लेकर पश्चातापयुक्त "रा...
8 comments:
›
Home
View web version