Showing posts with label
बंगाल
.
Show all posts
Showing posts with label
बंगाल
.
Show all posts
Monday, August 19, 2024
छड यार ! ...
›
जला चुके साल-दर-साल, बारम्बार, मुहल्ले-मैदानों में, पुतलों को रावण के, था वो व्यभिचारी। पर है अब, बारी-बारी से, निर्मम बलात्कारियों व नृशंस ...
18 comments:
›
Home
View web version