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तुलसी मंजरी
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Wednesday, June 2, 2021
'मॉकटेल'-सी नाक ...
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अक़्सर ... बार-बार हालात की राख से मंजे गए, समय के बर्तन में, पश्चाताप के ताप से पके-अधपके देह के बुढ़ापे पर, लगाती हुई पक्की मुहर, पनप ही ...
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