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चाँदनी
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Saturday, August 14, 2021
क्षुप कईं मेंथा के ...
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जब कभी भी तुम .. रचना कोई अपनी रूमानी और तनिक रूहानी भी, अतुकान्त ही सही, पर ... बटोर के चंद शब्दों को किसी शब्दकोश से, जिन्हें .. टाँक आ...
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Thursday, February 13, 2020
फीका चाँद ...- चन्द पंक्तियाँ - (२४) - बस यूँ ही ...
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कल बीते तथाकथित "HUG DAY" के बहाने ... (१)💝 फीका चाँद ... सार्वजनिक उद्यान ढलती दुपहरी गुनगुनी धूप बसंती बयार नर्म घ...
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