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चन्द पंक्तियाँ - (१२) - बस यूँ ही ...
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Wednesday, August 28, 2019
चन्द पंक्तियाँ - (१२) - बस यूँ ही ...
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(१)* कपूर-बट्टियाँ यथार्थ की पूजन-तश्तरी में पड़ी कई टुकड़ों में बँटी धवल .. निश्चल .. निःस्पन्दित .. बेबस .. तुम्हारे तन की कपूर-बट्टि...
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