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चन्द पंक्तियाँ - (१०) - बस यूँ ही ...
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चन्द पंक्तियाँ - (१०) - बस यूँ ही ...
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Monday, August 19, 2019
चन्द पंक्तियाँ - (१०) - बस यूँ ही ...
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(1)@ साहिब ! आप सूरज की सभी किरणें मुट्ठी में अपनी समेट लेने की ललक ओढ़े जीते हैं ... और ...हम हैं कि चुटकी भर नमक की तरह ओसारे...
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