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Saturday, November 16, 2019
मैल हमारे मन के ...
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ऐ हो धोबी चच्चा ! देखता हूँ आपको सुबह-सवेरे नित इसी घाट पर कई गन्दे कपड़ों के ढेर फ़िंचते जोर से पटक-पटक कर लकड़ी या पत्थर के पाट पर डाल...
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