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अंधपरम्परा
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Sunday, February 16, 2020
हाईजैक ऑफ़ पुष्पक ... - भाग- ३ - ( आलेख /संस्मरण/ एक विचार ).
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" नालायक हो गया है। इतना बुलाने पर भी नहीं आया ना पप्पुआ !? " - ये पप्पू के चचेरे बड़े चाचा जी की आवाज है जो पप्पू के छोटे सगे ...
Thursday, December 5, 2019
" सूरज आग का गोला है। " (लघुकथा).
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हमारे भारतीय समाज में परिवार की आदर्श पूर्णता वाले मापदण्ड यानि दो बच्चें - हम दो , हमारे दो - और ऐसे में अगर दोनों में एक तथाकथित मोक्षदात...
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Thursday, November 21, 2019
"फ़िरोज़ खान" के बहाने ...
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आज के ग्लोबल दुनिया में किसी भाषा या किसी पहनावा या फिर किसी व्यंजन विशेष पर किसी विशेष जाति, उपजाति या धर्म विशेष वाले का आधिपत्य जैसी सोच...
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