Wednesday, January 26, 2022
खुरपी के ब्याह बनाम क़ैद में वर्णमाला ... भाग-१.
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फिर से आज एक बार कुछ बतकही, कुछ इधर की, कुछ उधर की, ऊल-जलूल, फ़िजूल, बेफजूल, बेसिर पैर की, कहीं भी, कुछ भी .. बस यूँ ही ... कुछ ही दिन पह...
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Sunday, December 5, 2021
तलाश है जारी .. बस यूँ ही ...
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साहिब !!! .. साहिबान !!!!! ... कर दीजिए ना तनिक .. बस .. एक अदद मदद आप, 'बहुते' (बहुत ही) 'इमरजेंसी' है माई-बाप, दे दीजिए न...
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Saturday, December 4, 2021
मन की मीन ...
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खींचे समाज ने रीति-रिवाज के, नियम-क़ानून के, यूँ तो कई-कई लक्ष्मण रेखाएँ अक़्सर गिन-गिन। फिर भी .. ये मन की मीन, है बहुत ही रंगीन ... लाँघ-ला...
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Thursday, December 2, 2021
अपनी ठठरी के भी बेचारे ...
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इस सितम्बर-अक्टूबर महीने में अपनी वर्तमान नौकरी के कारणवश एक स्थानविशेष पर रह रहे किराए के मकान वाले अस्थायी निवास को कुछ अपरिहार्य कारणों स...
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Monday, November 29, 2021
एक पोटली .. बस यूँ ही ...
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चहलक़दमियों की उंगलियों को थाम , जाना इस शरद पिछवाड़े घर के, उद्यान में भिनसार तुम .. बस यूँ ही ... लाना भर-भर अँजुरी में अपनी, रात भर के ब...
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Monday, September 13, 2021
रहे याद हमें, उन्हें भी ...
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हाल ही में एक पहचान वाले महानुभाव ने चुटकी लेने के अंदाज़ में या पता नहीं गंभीर लहज़े में मुझ से बातों-बातों में कहा कि कलाकार प्रशंसा के भूखे...
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Thursday, September 9, 2021
ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(अंतिम भाग-४).
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गत तीन दिनों में प्रस्तुत तीन भागों में लम्बी भूमिकाओं :- ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-१). ना 'सिरचन'...
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