Saturday, August 7, 2021
एक अदद .. सुलभ शौचालय ...
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काश !!! ... किसी .. शैक्षणिक कार्यशाला के तहत बुलायी जाती एक बैठक और फ़ौरन गठित कर एक समिति बुद्धिजीवियों की, लेने के लिए मार्गदर्शन उनसे ...
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Friday, August 6, 2021
ससुरी ज़िन्दगी का ...
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(१) निगाहें ठहरी हुईं ... है किसी रेत-घड़ी-सी .. बस यूँ ही ... ज़िन्दगी हम सब की, .. शायद ... दो काँच के कक्षें जिसकी, हो मानो जीवन-मृत्यु ज...
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Thursday, August 5, 2021
वो .. एक मर्दानी औरत ...
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लम्बे, घने .. अपने बालों-सी लम्बी, काली, घनेरी अपनी ज़िन्दगी से हैं अक़्सर चुनती; रेंगती, सरकती हुई अपनी ही पीड़ाओं की सुरसुराहट भी, ठीक .. ब...
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Tuesday, August 3, 2021
नीयत संग नज़रिया ...
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आज अपनी बतकही - "नीयत संग नज़रिया ..." के पहले एक छोटी-सी बात ... अक़्सर हमारे सभ्य समाज में टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमो...
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Monday, August 2, 2021
चंचल चटोरिन ...
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ऐ ज़िन्दगी ! मेरी जानाँ ज़िन्दगी !! जान-ए-जानाँ ज़िन्दगी !!! चंचल चटोरिन किसी एक बच्ची की तरह कर जाती है, यूँ तो तू चट चटपट, मासूम बचपन और ....
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Tuesday, July 27, 2021
बंद है मधुशाला ...
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ऐ जमूरे !! हाँ .. उस्ताद !!! खेल-मदारी तो हुआ बहुत रे जमूरे, आज ले लें हम क्यों ना...
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Sunday, July 25, 2021
पंजीकृत बेमुरव्वत ? ...
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सरकार द्वारा तयशुदा शुल्क से अधिक राशि, वाहन चलाने के अनुज्ञा पत्र हेतु भुगतान करने जैसा, तोड़ कर यातायात के नियमों को बिन रसीद, सिपाही क...
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