Wednesday, August 26, 2020
मुहल्ले की मुनिया ...
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सुबह जागने पर प्रायः सुबह-सुबह हम अपनी पहली जम्हाई या अंगड़ाई या फिर दोनों से ही अपने दिन की शुरुआत करते तो हैं, परन्तु ... फ़ौरन ही हमारी दिन...
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Tuesday, August 25, 2020
एक अवतार पत्थर से परे ... (0).
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हम अक़्सर अपनी बाल संतान या युवा संतान वाली पीढ़ी को सभ्य और भावी सुसंस्कृत नागरिक बनाने के क्रम में अपने-अपने धर्म-मज़हब के अनुसार गढ़े गए पौर...
Wednesday, August 19, 2020
हलकान है भकुआ - (१)
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यहाँ भकुआ नाम का पात्र कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा नहीं है बल्कि यह एक जातिवाचक संज्ञा है, जो हो सकता है आपके आसपास, आपके गाँव, शहर, मुहल्ले, ...
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Tuesday, August 18, 2020
पन्द्रह नहीं, पाँच अगस्त ...
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सर्वविदित है कि हम सभी स्वतन्त्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं। लोग कहते हैं कि हमें बोलने की आज़ादी है। पर साथ ही हमें अपने-अपने ढंग से सोचने...
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Saturday, August 1, 2020
मन ही मन में ...
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साहिब !!! ... हवाई सर्वेक्षण के नाम पर उड़नखटोले में आपका आना और मंडराना मीलों ऊपर आसमान में हमारी बेबसी और लाचारगी के। करना सर्वेक्षण .. अवल...
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Friday, July 31, 2020
ख़्यालों की देहरी से ...
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नववधू-सी पर .. बिन वधू प्रवेश मुहूर्त के वक्त-बेवक्त .. आठों पहर तुम्हारी यादों की दुल्हन मेरे ज़ेहन की चौखट वाली ख़्यालों की देहरी से, पल...
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Wednesday, July 29, 2020
मुहावरे में परिवर्तन
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अक़्सर जीते हैं आए दिन हम कुछ मुहावरों का सच, मसलन .... 'गिरगिट का रंग', 'रंगा सियार' 'हाथी के दाँत', 'दो मुँह...
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