बंजारा बस्ती के बाशिंदे
Saturday, December 28, 2019

ब्रह्माण्ड की बिसात में ...

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हाथों को उठाए किसी मिथक आस में बजाय ताकने के ऊपर आकाश में बस एक बार गणित में मानने जैसा मान के झांका जो नीचे पृथ्वी पर उस ब्रह्माण्ड से ...
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Thursday, December 26, 2019

धूसर रंग बनाम रंग बिरंगी ...

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एक हरी-भरी पहाड़ी की वादियों पर जाड़े की खिली धूप में क्रिसमस की छुट्टी के दिन दोपहर में पिकनिक मनाने आए कुछ सपरिवार सैलानियों को देखकर एक मे...
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Tuesday, December 24, 2019

भला कब तक ?...

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सांता क्लॉज़  लाएगा मनभावन उपहार बच्चों को ऐसे फुसलाना भला कब तक ? सदियों पहले चढ़ाए गए ईसा को सूली पर पर गिरजाघरों में लटकाना भला कब तक ...
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Sunday, December 22, 2019

भला कौन बतलाए ...

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कर पाना अन्तर हो जाता है मुश्किल न्याय और अन्याय में रत्ती भर भी  हो जब बात किसी की स्वार्थसिद्धि की या फिर रचनी हो कड़ी कोई नई सृष्टि की...
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Saturday, December 21, 2019

मूर्ति न्याय की ...

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हम सुसभ्य .. सुसंस्कृत .. बुद्धिजीवी .. बारहा दुहाई देने वाले सभी अपनी सभ्यता और संस्कृति की अक़्सर होड़ में लगे हम उसे बचाने की बात-बात ...
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Thursday, December 19, 2019

हम कब होंगें कामयाब ...?

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" हम होंगे कामयाब एक दिन "... जैसा मधुर , कर्णप्रिय और उत्साहवर्द्धक समूहगान जिसे हम में से शायद ही कोई होगा, जिसने जन्म लेने और ...
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Tuesday, December 17, 2019

एक ऊहापोह ...

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था सुनता आया बचपन से अक़्सर .. बस यूँ ही ... गाने कई और कविताएँ भी जिनमें ज़िक्र की गई थी कि गाती है कोयलिया और नाचती है मोरनी भी पर सच...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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