बंजारा बस्ती के बाशिंदे
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Friday, August 6, 2021

ससुरी ज़िन्दगी का ...

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(१) निगाहें ठहरी हुईं ... है किसी रेत-घड़ी-सी  .. बस यूँ ही ... ज़िन्दगी हम सब की, .. शायद ... दो काँच के कक्षें जिसकी,  हो मानो जीवन-मृत्यु ज...
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Subodh Sinha
आम नागरिक, एक इंसान बनने की कोशिश
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