Showing posts with label
विरहिणी
.
Show all posts
Showing posts with label
विरहिणी
.
Show all posts
Thursday, March 16, 2023
ताने तिरपाल
›
पोखरों में सूने-से दोनों कोटरों के, विरहिणी-सी दो नैनों की मछली। मिले शुष्क पोखरों में तो चैन उसे, तैरे खारे पानी में तब तड़पे पगली। ताने तिर...
4 comments:
Friday, June 19, 2020
बाइफोकल* सोच ...
›
■ खंडन/अस्वीकरण (Disclaimer) ■ :- ●इस कहानी के किसी भी पात्र या घटना का किसी भी सच्ची घटना या किसी भी व्यक्ति से को...
33 comments:
›
Home
View web version