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Wednesday, August 3, 2022
बस मन का ...
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(१) बतियाने वाला स्वयं से अकेले में, कभी अकेला नहीं होता, खिलौने हों अगर कायनात, तो खोने का झमेला नहीं होता .. शायद ... (२) साहिब ! यहाँ...
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Monday, May 25, 2020
थे ही नहीं मुसलमान ...
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इरफ़ान हो या कामरान सिया, सुन्नी हो या पठान, सातवीं शताब्दी में पैगम्बर के आने के पहले, किसी के भी पुरख़े थे ही नहीं मुसलमान। ना ही ईसा...
Thursday, February 27, 2020
इतर इन सब से
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जब तुम हिन्दू बनोगे तब वो मुसलमान बनेंगें पर दोनों ही साँसें लोगे .. एक ही हवा में जब तुम अवतार कहोगे तब वो पैगम्बर कहेंगें पर दोनों...
8 comments:
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