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Wednesday, August 3, 2022
बस मन का ...
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(१) बतियाने वाला स्वयं से अकेले में, कभी अकेला नहीं होता, खिलौने हों अगर कायनात, तो खोने का झमेला नहीं होता .. शायद ... (२) साहिब ! यहाँ...
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