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Saturday, April 18, 2020
मरूस्थल की कोख़ में ...
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तय करता हुआ, डग भरता हुआ जब अपने जीवन का सफ़र बचपन के चौखट से निकल चला मैं किशोरावस्था की डगर तुम्हारे प्यार की गंग-धार कुछ लम्हें ही सही ...
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