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बुढ़ापा
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Monday, August 2, 2021
चंचल चटोरिन ...
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ऐ ज़िन्दगी ! मेरी जानाँ ज़िन्दगी !! जान-ए-जानाँ ज़िन्दगी !!! चंचल चटोरिन किसी एक बच्ची की तरह कर जाती है, यूँ तो तू चट चटपट, मासूम बचपन और ....
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Friday, October 11, 2019
बच्चे अब बड़े हो गए हैं !!!
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एक शाम अर्धांगनी की उलाहना - "बच्चे अब बड़े हो गए हैं !!! आपको शर्म नहीं आती क्या !?" मैं घायल मन से - "शर्म ही आती, तो ...
2 comments:
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