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बहुरूपिया
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Thursday, October 17, 2019
यार चाँद ! ...
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यार चाँद ! .. बतलाओ ना जरा !... जो है मेरे मन के करीब अपनी प्रियतमा होकर करीब भी मन के जिसके जिसे अक़्सर मैं मना नहीं पाता और बतलाओ ना ...
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